वो सैलाबे रुख़ो ताब पे नज़र रखते हैं
ख़ाक में रह के सितारों की ख़बर रखते हैं,
जो ज़ह्न में तो तराज़ू ए ज़र रखते हैं,
वो पहलू में बता किसके जिगर रखते हैं.
सुन के कहते हैं शेख जी दिल की यूँ धड़कन,
ऐसी बातों की न हम कोई फ़िकर रखते हैं...
फ़िर से घड़ दे ए खुदा टूटे कासा-ए-दिल को,
तू होगा रुसवा इसे फ़कीर अगर रखते हैं.
घर से हाथों को जोड़ कर निकलने वाले,
राम मुँह में छुरी बगल में मगर रखते हैं.
सब से रखते हैं जो सब कुछ छिपा तिज़ोरी में,
जां तो रखते ही हैं वो दिल भी उधर रखते हैं..
नक़ाब पोशों के शहर में आइनों के सौदाग़र,
चश्में तसव्वुर का कोई ख़ास हुनर रखते हैं........ (शायर लोग)
(चश्में तसव्वुर = कल्पना की आंख)
इस ज़माने में जो रहते हैं अनाड़ी बन कर,
अक्सर क़तरे में दरिया का असर रखते हैं.
"Anaa.Dhi" ख़ाक में रह के सितारों की ख़बर रखते हैं,
जो ज़ह्न में तो तराज़ू ए ज़र रखते हैं,
वो पहलू में बता किसके जिगर रखते हैं.
सुन के कहते हैं शेख जी दिल की यूँ धड़कन,
ऐसी बातों की न हम कोई फ़िकर रखते हैं...
फ़िर से घड़ दे ए खुदा टूटे कासा-ए-दिल को,
तू होगा रुसवा इसे फ़कीर अगर रखते हैं.
घर से हाथों को जोड़ कर निकलने वाले,
राम मुँह में छुरी बगल में मगर रखते हैं.
सब से रखते हैं जो सब कुछ छिपा तिज़ोरी में,
जां तो रखते ही हैं वो दिल भी उधर रखते हैं..
नक़ाब पोशों के शहर में आइनों के सौदाग़र,
चश्में तसव्वुर का कोई ख़ास हुनर रखते हैं........ (शायर लोग)
(चश्में तसव्वुर = कल्पना की आंख)
इस ज़माने में जो रहते हैं अनाड़ी बन कर,
अक्सर क़तरे में दरिया का असर रखते हैं.
3rd July 2011
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