ए ख़ाको आबो हवा की माया,
तूने मुझको बहुत सताया,
थे मेरे कुछ और इरादे,
पर तूने कुछ और कराया--
ए ख़ाको आबो हवा की माया,
तूने मुझको बहुत सताया,
सफर ये रुकते चलते बीता,
चाक पैरहन जीवन रीता,*
चाहा देकर सब कुछ मैने,
प्याला पर लब तक न आया---
ए ख़ाको आबो हवा की माया,
तूने मुझको बहुत सताया,
मन में मेरे जो भी आया,
चेहरे ने कुछ और दिखाया,
कैसे देता कोई दिलासे,
गम भी पाएदार ना पाया--
ए ख़ाको आबो हवा की माया,
तूने मुझको बहुत सताया,
स्याही में क्या साये की हस्ती,
खाब की दिन में बसे ना बस्ती,
पहुँच पे अपनी रोना आया,
तूने जब जब चांद दिखाया--
ए ख़ाको आबो हवा की माया,
तूने मुझको बहुत सताया,
पल आया था निकल गया है,
दिन हाथों से फिसल गया है,
हां नां करते बरसों बीते,
अनाड़ी ने कुछ नहीं कमाया--
ए ख़ाको आबो हवा की माया,
तूने मुझको बहुत सताया,
* (फटे कपड़े जीवन खाली/सुनसान )
"Anaarhi"
13th May 2011
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