"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Monday, July 18, 2011

किस्मत हमारी वारी न्यारी हो रही है

किस्मत हमारी वारी न्यारी हो रही है,
तलब गुनाहों को हमारी हो रही है.

उस में हमारा भी सुना है नाम है,
फर्द अहलों की जो जारी हो रही है.

रंग गुलों का बू से पहले उड़ गया,
लूट लें गुलशन तैयारी हो रही है.

ये ख़बर बादल क्यों सुन बेचैन है,
चोरों की अब गिरफ़्तारी हो रही है.

जुगनू बोले चाँद से मत बात कर,
रोशनी तेरी उधारी हो रही है.

जब से सोचा ले उड़ू सूरज की आग,
वहाँ तभी से बर्फ़ बारी हो रही है.

तुम हो बुद्धु जब से उसने ये कहा,
शातिर अक्ल तब से अनाड़ी हो रही है.

कलम लगा कर कान में हो घूमते,
शेर लिखने की बिमारी हो रही है?

"अनाड़ी" 15th July 2011

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