"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Thursday, September 1, 2011

Koi Batlaaye Zindgi Kya Hai..

आज के सूरते हालात पर कुछ प्रश्न हैं ..............

उन दरिन्दों की ये हसी क्या है,
तेरी इमाम* बेबसी क्या है.  
.....( * = नेता )

आ ख़ुदा तुझ से कुछ सवाल करूँ
तुझको बच्चों से कीमती क्या है.

तेरे बन्दे ही तेरे बन्दों की,
जान लेते हैं बंदगी क्या है.

ढेर बारूद के लगाते हैं वो,
इस से बढ़ के दरिंदगी क्या है.

नाम होने से पाक क्या होगा,
नहीं मतलब पाकीज़गी क्या है.

पाके वो पाक भी नापाक़ रहे,
पूछ लो अौर तिश्नगी* क्या है. 
.... ( * = प्यास )

हम अनाड़ी हुए यतीम के यूँ,
मौत भी आए तो बुरी क्या है.

इस चमन में चमन के फ़ूलों की,
कोई बतलाये ज़िन्दगी क्या है.
कोई बतलाये ज़िन्दगी क्या है.

...ब..ड़ा.ा.ा.ा.ा.ा.ा.ा.ा.ाम म म म म म .....
FINISH.......NEXT !!!!!!!!
"ANAA,DHI"
22nd July 2011

No comments:

Post a Comment