"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Monday, November 28, 2011

Butparasti ki tujhe...

बुतपरस्ती की तुझे देखा तो नीयत हो गई, 
दिल ये मंदिर हो गया तू उसमें मूरत हो गई.

इक तरफ़ तू जांने जाना इक तरफ़ मेरा ख़ुदा
एक आह और इक नज़र से ही इबादत हो गई.

तेरा जलवा तेरी बातें तेरे लब तेरी हँसीं,
इक जगह जब आ मिले समझो के जन्नत हो गई.

हम निकल तो आए थे उस ज़ुल्फो ख़म औ दाम से,
पर असीरी क्या करें इस दिल की आदत हो गई.
चल चलें अब सू ए मंज़िल रास्ते थकने लगे,
इन सितारों की भी देखो कैसी हालत हो गई.

दिल अनाङी कह रहा है पर मुझे लगता नहीं,
के जमीं और चँाद के मिलने की सूरत हो गई.

अनाङी"/१०/२०११

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