"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Monday, November 28, 2011

Mera Yaar mujhse barham

मिरा यार मुझसे बरहम कभी था ना है ना होगा ।
मुझे ये भरम ए जानम कभी था ना है ना होगा ।।

रहूँ मै सफ़र में हर पल लगे रुकना मौत मुझको ।
मुझे मंजिलो का मातम कभी था ना है ना होगा ।।
 
जहाँ दोस्ती के माने कोई पल बदल रहे हों ।
वहाँ एतबार कायम कभी था ना है ना होगा ।।
 
करूँ तर्क जाम ज़ाहिद तिरा एतबार क्या है ।
कोई कायदा मुसम्मम कभी था ना है ना होगा ।।
 
ये मुआफ़ी और सज़ाएं हो बली तभी सुहाँए,
किसी नांतवाँ में दम कभी था ना है ना होगा ।।
 
चाहे ख्वाहिशों के तारे रहे टूटते हमेशां,
मिरे चश्म का ये घर नम कभी था ना है ना होगा ।।
 
कहाँ दोस्ती वफ़ा को रहे ढूंढता अनाङी,
तिरे वास्ते ये आलम कभी था ना है ना होगा

AnaaDhi 7th October 2011

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