तेरी
रहमत मेरी किस्मत में अदावत
हो गई,
मरने की फुर्सत नही ये जिस्त आफत हो गई.
सौ करें हम काम पर सारे हुनर बेकाम के,
अक्ल ही हर काम में अड़चन की सूरत हो गई.
दाढ़ी काली कर हुए हैं शेख़ जी जब से जवाँ,
हम ने छानी खाक वो बेकार मेहनत हो गई.
डाकुओं का हो गया जम्हूरियत में राज अब ,
देख उस कल्लू गिरहकट की कयादत हो गई,
मौज लेते घूमते कुत्ते गली के हैं यहाँ ,
नस्ल अच्छी हो तो जंजीर इनायत हो गई,
बन गए हुक्कामे आकिल अब अनाड़ी हैं यहाँ,
नौकरानी उन के महलों की लयाकत हो गई...
मरने की फुर्सत नही ये जिस्त आफत हो गई.
सौ करें हम काम पर सारे हुनर बेकाम के,
अक्ल ही हर काम में अड़चन की सूरत हो गई.
दाढ़ी काली कर हुए हैं शेख़ जी जब से जवाँ,
हम ने छानी खाक वो बेकार मेहनत हो गई.
डाकुओं का हो गया जम्हूरियत में राज अब ,
देख उस कल्लू गिरहकट की कयादत हो गई,
मौज लेते घूमते कुत्ते गली के हैं यहाँ ,
नस्ल अच्छी हो तो जंजीर इनायत हो गई,
बन गए हुक्कामे आकिल अब अनाड़ी हैं यहाँ,
नौकरानी उन के महलों की लयाकत हो गई...
AnaaDhi...7th October 2011
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