"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Wednesday, June 16, 2010

huner-E - Aashiki

इक चाह थी दिल की के तू कर आशिकी
हर फन मे माहिर तू हर दम निकला

कटारे चश्म से यूँ काटा जिगर को
खूं बहुत निकला पर जरा कम निकला .

इन्तजारे जान में थी यूँ जान अटकी
ये हुआ दीदार और वो दम निकला .

बहुत देर उलझे उस जुल्फों सितम में
किये जतन लाख पर वो ख़म न निकला .

चर्चे बहुत थे जिस बला के शहर में
वो हूर ए हुस्न तो मेरा सनम निकला

जो किया ये वादा के तुझी पे मरेंगे
फिर जनाजा हमारा दम बदम निकला

नहीं बस की आशिकी तेरे "अनाढ़ी "
इस हुनर में तू बहुत कम निकला .

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