"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Wednesday, June 16, 2010

kahe tu duniya me aaya

अपने आगमन पर विशेष
ये जूठ और कपट की काया ,
लेकर तू दुनिया में आया .
जब तन से तुने मोह लगाया ,
मन पे पर गयी धन की छाया. ये जूठ और कपट की काया , लेकर तू दुनिया में आया .

ये भरकता लहू धधकती जवानी ,
इसने किसी की एक न मानी ,
अब ठहर जरा के भुढ़ापा आया
सोच जरा अब तक क्या पाया . ये जूठ और कपट की काया , लेकर तू दुनिया में आया .

होती थी जब ज्ञान की बरखा ,
तूने बर्तन उल्टा रक्खा ,
जान लेने से ज्ञान न आया
क्यों गर्मी में प्यासा तरसाया . ये जूठ और कपट की काया , लेकर तू दुनिया में आया .


बचपन बीता आई जवानी ,
जवानी भी हो गई कहानी ,
जिस रूप की थी दुनिया दीवानी ,
उस मिटटी ने क्या रंग दिखाया . ये जूठ और कपट की काया , लेकर तू दुनिया में आया .

देख जरा तू पीछे मुढ़ के ,
संगी कहाँ रह गए bhichar के ,
दूर दूर तक नहीं दिखता साया ,
क्या चाहा था और क्या पाया . ये जूठ और कपट की काया , लेकर तू दुनिया में आया .

होने को है अब तू पचासी (50),
पौनी कट गई , बची जरा सी ,
कर मौज , "अनाढ़ी" छोढ़ उदासी ,
फिर मत कहना के वक़्त नहीं आया ,
ये दिन यही संदेसा लाया ,
है सुंदर उपहार ये कोमल काया ,
तू सुख "पावन" संसार में आया .

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