"Duaayen bahut see dee.n sabane magar
asar hone main hi zamaane lage."

Wednesday, June 16, 2010

Aadmi ki introduction "MAIN"

मैं गाता जब भी राग "मैं ",
सुर पंचम सदा लगाता हूँ .

कुछ काम नहीं मैं काज का ,
और महल हवाई बनता हूँ .

किश्त साइकिल की अभी बाकी है ,
पर गीत कार के गाता हूँ .


मैं गाता जब भी राग "मैं ", सुर पंचम सदा लगाता हूँ .


आस पास कोई दूर निकट हो ,
सबको नीचा दिखलाता हूँ .

हल विरल हो या सरल हो ,
हर समस्या विकट बतलाता हूँ .

चाहे कोई कुछ भी बोले ,
बस अपनी चलवाता हूँ .


मैं गाता जब भी राग "मैं ", सुर पंचम सदा लगाता हूँ .

तू क्या है ? तू कुछ भी नहीं ,
ये बात सदा समझाता हूँ .

मैं वो हूँ जो कोई नहीं ,
यही दावा ठुक्वाता हूँ .


लिखूं "अनाढ़ी " पर हूँ खिलाढ़ी ,
ख़म ठोक के मैं बतलाता हूँ .


मैं गाता जब भी राग "मैं ",
सुर पंचम सदा लगाता हूँ .

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