चलते रहे अकेले कोई मिला न सानी,.....................................
कैसे बने फसाने कैसे बने कहानी,............................
कुछ इस तरह निभाए इस ज़िन्दगी से रिश्ते,................
इसने हमारी मानी ना हमने इसकी मानी.................
"Duaayen bahut see dee.n sabane magar asar hone main hi zamaane lage."
Saturday, June 19, 2010
Anaarhi Ki Introduction
न ही कोई रंग है , न ही काम रूप मेरा
कुदरत ने बस इल्म से सवारा मुझको
जो आया सामने बस कर दिया सजदा मैंने
जो न दे दुआ , पर दे तो न बद्दुआ मुझको
हसीन वादों की इस मोका परस्त दुनिया में
रश्क है अपने पे किसी के काम का बनाया मुझको
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